फ़्रायड ने अचेतन अभिप्रेरण, मनोवैज्ञानिक रक्षा, वयस्क के व्यवहार पर बाल्यावस्था के चोट पहुंचानेवाले अनुभवों के प्रभाव, आदि समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट किया, किंतु उन्होंने चेतना की तुलना में अचेतन तत्व को प्राथमिकता दी थी और मनुष्य के व्यवहार को कामेच्छाओं से निदेशित माना।